Sunday, November 4, 2012

अस्लियत-ए-थाना




अस्लियत-ए-थाना
चोर चुरा कर ले गए,घर के थाल-परात |
भान हुआ इस बात का हमको बीती रात |
हमको  बीती  रात, दौड़  कर थाने धाए,
किन्तु  वहां  पर हमने, सारे सोते पाए |
कहे 'राज' कविराय,हिलाकर बहुत जगाया,
हारगए तब,उसको सौ का नोट दिखाया |

बन्दआंख से दिख गया,मुंशी जी को नोट |
उठकर सीधा हो गया, मारा   हमें सलूट |
मारा  हमें सलूट,कौन काम से आया पूछा,
किस्सा हमने,  बता  दिया चोरी का पूरा |
कहे'राजकविराय'कहा नोट को अन्दर करके,
आ दो दिन के बाद,अभी जा सोजा घर पे |

क्यों दोदिन के बादक्यों लिखिये अभी रिपोर्ट |
अभी लिखो जो आप तो, क्या है उसमे खोट |
क्या   है उसमे खोट,  कहा  तो वह्  गुर्राया,
और कान में चुपके से, यह   राज़  बताया |
बोला   जी डी चल  रही, दो दिन पीछे यार,
लिक्खूं  कैसे मैं  रपट,  बेबस  है  सरकार  |

भागी कन्या पकड़ कर, लाए   दरोगा साब |
दो दिन से निबटा रहे, उसका सभी हिसाब |
उसका सभी हिसाब,'स्टेटमेंट'  उसके लेते हैं,
लेकर  'पूर्ण बयान',  सीनियर  को  देते हैं |
कहे 'राज कविराय',  आज 'एस ओ' जी लेंगे,
ले कर 'पूर्ण बयान', पेश  न्यायालय  कर देंगे |

इसी लिए 'जी डी' रूकी,  परसों होगा काम |
कर्म जरूरी  'ब्यान'  है , लेते सब हुक्काम |
लेते सब हुक्काम , बहुत  से 'हफ्ते' आने हैं,
 मुझको ही नीचे  से  ऊपर तक, बंटवाने हैं |
कह मुंशी सुन 'राज' , रपट परसों लिखवाना,
स्टेटमेंट लेने में ,बहुत बिजी है कलसे थाना |

होते भी खाली यदि, काम ये क्या कर लेंगे |
ले इन्क्वायरी  नाम,  रोज घर पर पहुंचेगे |
बटर टोस्ट के साथ, मुफ्त  की चाय पियेंगे |
उल्टे   सीधे  कई,  आप  से  प्रश्न  करेंगे |
दे कर सौ का नोट , हमें मिल गया इशारा |
झेलो सब  नुकसान , न आओ यहां दुबारा |