Friday, May 20, 2011

                     ईओ 

ईओ जी इस वर्ष भी, खींचो जमकर नोट ,
नोट खीचने में तुम्हें, कब लगता है खोट /
 कब लगता है खोट ,नहीं है वोट मांगना,
कब करना है तुम्हें , किसी से कोई याचना /
कहे `राज `कवि , कौन तुम्हें कुछ कह सकता है,
सिर्फ तुम्हारी सहमति से, कुछ हो सकता है /


                  ओ  एस 

गये वर्ष ओ एस रहे, अक्सर बहुत बीमार,
इसी वजह हिस्सा मिला, काफी पैसे मार /
 काफी पैसे मार, भला किसको समझाएं ,
एक बात जो है बिशेष , तुमको बतलाएं /
कोई फाइल बिना, इधर से उधर न होती ,
बिन दस्तूरी इन्हें दिए भी, गुजर न होती /


                         मेम्बर  


मेम्बर जी इस वर्ष में, ढक कर रखें फरेब,
धोके से जाहिर न हों, मनमंदिर के एब  /
मनमंदिर के एब , कांड चुपके से करना ,
जनता को हो लाभ. नहीं गलती से करना /
कहे `राज` किसी तरह भी, घर को भरना,
ऊखल में जब बैठ गये, मूसल से क्या डरना /


              मंत्री जी 




मंत्री जी इस वर्ष भी, इतना रखना ध्यान,
साथ नाक के काट दो, विरोधियों के कान /
विरोधियों के कान, नहीं कुछ सुन पायेगा,
फिर विरोध संसद में,  कैसे  कर   पायेगा /
कहे `राज`कवि, बिन रिश्वत के काम न करना,
खुद वोटर लेता घूस, आपको फिर क्या डरना /

No comments:

Post a Comment