भली भांति सब देख नए वर्ष की कामना
ने ता
नए वर्ष में आपको , दौरे पड़ें अनेक ,
पूर्ण वर्ष जलते रहें, सबकी उन्नति देख /
सबकी उन्नति देख, टूर फारेन के मारें,
कपड़े सारे उतर जाएँ जांचों में सारे /
कहे `राज`कवि , गये वर्ष से कांड न करना,
कहीं जाओ पर मान, वहां भारत का रखना /
गुरु
नया वर्ष शुभ आपको, जुड़ कर नये प्रसंग,
सुंदर शिष्या एक रखें,बिना ब्याह के संग /
बिना ब्याह के संग, रोज टी वी पर आयें,
अपना काला मुंह, जब तब उस पर दिखलायें,
कहे `राज` कवि, लव गुरु से सम्माने जाएँ ,
जनता मारे शूज, अनगिनत गिने न जाएँ /
अफसर
नये वर्ष में आपको , रिश्वत मिलें अनेक,
मगर चार जूते पड़ें, सिर पर गिन कर ऐक /
सिर पर गिन कर ऐक, कभी ऐसा हो जाये,
तुमको भी निज काम, घूस देना पड़ जाये,
कहे `राज`कवि, जितना भी हो माल कमाया,
रेड पड़े तो निकल जाए, सारे का सारा /
चेयरमैन
चेयरमैन जी आपको `चेयरें` मिलें अनेक,
लकिन उन पर बैठिये, भली भांति सब देख /
भली भांति सब देख, विरोधी जाल रचाएं,
रास रचाते हुए , आप उसमें फंस जाएँ /
कहे `राज` कवि , दिन ऐसे न आयें ,
आप तमाशा घुस क़र देखें, बाज़ न आयें /
No comments:
Post a Comment