Saturday, June 4, 2011

प्रातः देखा आया स्वच्छक,
गा कर वह गंद उठता था |
झाड़ू से ज्यादा खुद हिलता,
सुर-बेसुर में कुछ गाता था |

मैनें पूछा,     बोला   चुप  जा ,
सत्ता का हुक्म बजाने    दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार   चलाने दो |

क्लीनिक में ताली दे मरीज,
डाक्टर को हाल सुनाता था |
फिर दे ताली डाक्टर साहब,
लिख-लिख कर दवा बताता था |

आया नर्सों को ठुमक-ठुमक,
गोली खाना     बतलाने     दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार    चलाने दो |

बैंकों में अफसर खड़ा-खड़ा,
ठुमके दस बार लगाता    था |
कागज पर दस्खत से पहले,
ताली नौ बार बजाता      था |

पूछा,बोला चुप रह भय्या ,
बस बिजनेस हमें बढ़ाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार बनाने दो |

जब प्रमुख सचिव मंत्री जी के,
दस्तखत करवाने    जाता  था |
वह ठुमक-ठुमक ताली देकर,
फाइल का सार बताता    था |

मंत्री को भी  फिर ठुमक-ठुमक,
फाइल पर थम्ब लगाने  दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार    बनाने दो |

अफसर को गार्ड-सलामी का,
होगया पास एक नियम नया |
एक हाथ कमर पर रक्खा हो,
एक हाथ शीश पर धरा गया |

`अये-हये   ले   मुए  सलामी  ले` ,
कह कर सैल्यूट     लगाने  दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार     चलाने दो |
            धनवर्षा,हनुमान मन्दिर,
       खटीमा-262  308 (उत्तराखंड)
         मो- 09410718777

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