प्रातः देखा आया स्वच्छक,
गा कर वह गंद उठता था |
झाड़ू से ज्यादा खुद हिलता,
सुर-बेसुर में कुछ गाता था |
मैनें पूछा, बोला चुप जा ,
सत्ता का हुक्म बजाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार चलाने दो |
क्लीनिक में ताली दे मरीज,
डाक्टर को हाल सुनाता था |
फिर दे ताली डाक्टर साहब,
लिख-लिख कर दवा बताता था |
आया नर्सों को ठुमक-ठुमक,
गोली खाना बतलाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार चलाने दो |
बैंकों में अफसर खड़ा-खड़ा,
ठुमके दस बार लगाता था |
कागज पर दस्खत से पहले,
ताली नौ बार बजाता था |
पूछा,बोला चुप रह भय्या ,
बस बिजनेस हमें बढ़ाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार बनाने दो |
जब प्रमुख सचिव मंत्री जी के,
दस्तखत करवाने जाता था |
वह ठुमक-ठुमक ताली देकर,
फाइल का सार बताता था |
मंत्री को भी फिर ठुमक-ठुमक,
फाइल पर थम्ब लगाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार बनाने दो |
अफसर को गार्ड-सलामी का,
होगया पास एक नियम नया |
एक हाथ कमर पर रक्खा हो,
एक हाथ शीश पर धरा गया |
`अये-हये ले मुए सलामी ले` ,
कह कर सैल्यूट लगाने दो |
चल चुका बहुत शासन सबका,
किन्नर सरकार चलाने दो |
धनवर्षा,हनुमान मन्दिर,
खटीमा-262 308 (उत्तराखंड)
मो- 09410718777
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