किन्नर - सरकार
संसद में चुन किन्नर आये,
पी एम् शब्बो को चुना गया |
चंदा को गृह, रजनी विदेश,
कजरी को रक्षा दिया गया
बाकी विभाग भी जल्दी ही,
किन्नरगण में बंट जाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
अगले दिन हुक्म हुआ जरी,
सब ड्रेस कोड में आयेंगे |
नीली साड़ी,कला ब्लाउज ,
सब अपने लिए बनायेंगे |
मंत्री-संतरी अनुपालन कर,
साड़ी ब्लाउज में आने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
खुल गया नया, चैनल आला,
संसद के द्र्ष्य, दिखाता था |
लाली जो रेल मिनिस्टर था,
वह रेल बजट बतलाता था |
प्रति वाक्य बजा कर दो ताली,
अगली सुविधा बतलाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
ठुमका-ताली दे कुछ सांसद,
हल्ला कर कहते उठ खड़े हुए |
यह बजट सिर्फ नर-नारी का,
ना किन्नर के कुछ भले हुए |
कुछ देर लगा ठुमका, ताली |
उनको वाक आउट कर जाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
अर्जेंट काम आया ऐसा ,
डी एम् आफिस में जा पहुंचा |
ठोकी ताली चपरासी ने ,
फिर आने का कारण पूछा |
फिर भेंट पकड़ अंदर जाकर,
आना मेरा बत लाने दो|
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
तब ठोक-ठोक अपनी ताली ,
उसके साहब बाहर आये |
हे `राज` तुरत अंदर आओ ,
यह कह ठुमके, नाचे, गाये |
अंदर कमरे में क्या देखा,
वह हाल मुझे समझाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
कमरे के अंदर एक तरफ,
ढोलक पर थापें पड़तीं थीं |
बाजे पर बैठी बड़ी बुआ,
सैटिंग सरगम की करती थीं |
मैंने पूछा यह सब क्या है,
बोले, चुप कोर्ट लगाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
स्कूलों में जब गये प्रिय,
था अजब हाल विद्यालय का |
ताली,ठुमके के साथ प्रेयर,
रेसिस में डांस हुआ सबका |
लय-सुर में बच्चे बात करें ,
ताली ठुमका, सिखलाने दो |
चल चुका बहुत शास,न सबका
किन्नर सरकार चलाने दो |
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