इन्किलाब कर डालो
- राज सक्सेना
उट्ठो-उट्ठो इन्किलाब कर डालो.
उनका खाना खराब कर डालो |
एक मछली से घुस गये हो जब,
पूर्ण गंदा तलाब कर डालो |
इतना ऊधम मचाओ संसद में,
साँस लेना अजाब कर डालो |
बेतुके प्रश्न चीख कर पूछो,
सबको तुम लाजवाब कर डालो |
रिश्वतें सब विदेश ले जाकर ,
बैंक में निल हिसाब कर डालो |
कमाओ खूब, खत्म हो न कभी,
खुद को वाजिद नवाब कर डालो |
उट्ठे खिलाफ कोई, हौंसला न रहे,
इतना सब पर दवाब कर डालो |
दर्द-इ-सर हो गया अगर कोई,
उसकी पुश्तें खराब कर डालो |
कच्ची दारू को देके संरक्षण,
सब का जीवन `गुलाब` कर डालो |
इतने संशोधन हों कोंस्टीट्यूशन में,
लंगड़ी-लूली किताब कर डालो |
मुल्क है `राज` फिर बिके न बिके ,
जल्दी सौदा, जनाब कर डालो |
- धनवर्षा, हनुमान मन्दिर ,
खटीमा-262308(उत्तराखंड)
मो- 09410718777
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